बेकार की बात है श्रीमान
मोदी जी को क्या पता
किसे कहते हैं सफ़ाई अभियान
सफ़ाई अभियान के प्रति,
सबसे ज़्यादा गंभीर हैं
हमारे देश के पति।
जिन्हें घर में घुसने से पहले
साफ़ करनी पड़ती है
मोबाइल की कॉल डिटेल,
कम्प्यूटर छोड़ने से पहले
साफ़-सुथरी बनानी पड़ती है
अपनी ई-मेल।
अरे साहब
झाड़ू उठाकर सफ़ाई करने को
हम बड़ा काम कैसे मानें,
पत्नी के प्रश्नव्यूह से
साफ़ निकल कर दिखाओ
तो जानें।
जानते हैं
मोदी जी के स्वच्छता अभियान की गाड़ी
पिक-अप क्यों नहीं ले रही
क्योंकि जिस देश में कभी
दूध की नदियाँ बहती थीं
वहाँ दूध की थैलियाँ
नदियों को बहने नहीं दे रही।
शहरों से गाँवों तक
मस्तक से पाँवों तक
मेलों से ठेलों तक
रेलों से जेलों तक
खेलों से झूलों तक
कॉलेज से स्कूलों तक
फ़िल्मों से चैनल तक
एंकर से पैनल तक
नारों-विचारों तक
ख़त से अख़बारों तक
सब्ज़ी से राशन तक
रैली से भाषण तक
पर्ची से चंदे तक
सेवा से धंधे तक
कूड़ा ही कूड़ा है
जर्जर इक मूढ़ा है
जिस पर हम बैठे हैं
बिन कारण ऐंठे हैं
दर्द की दवाई हो
बात ना हवाई हो
अल्लाह दुहाई हो
अब कुछ सफ़ाई हो।।
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