Saturday, 24 May 2014

अपना गम..............

अपना गम लेके कहीं और न जाया जाये...
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाये...
जिन चिरागों को हवाओं का कोई खौफ नही...
उन चिरागों को हवाओं से बचाया जाये...
बाग़ में जा के आदाब हुआ करते हैं...
किसी तितली को न फूलो से उड़ाया जाये...
घर से मंजिल है बहुत दूर चलो यू करें...
किसी रोते हुए बच्चे को हसाया जाये...
अपना गम लेके कहीं और न जाया जाये...
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाये...

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