Wednesday, 30 November 2016

Motivation...

टूटने  लगे  हौसले  तो  बस  ये  याद  रखना,
बिना  मेहनत  के  हासिल  तख्तो  ताज  नहीं  होते,
ढूँढ़ ही लेते है अंधेरों  में  मंजिल  अपनी,
जुगनू  कभी  रौशनी  के  मोहताज़  नहीं  होते…..!!!!!!!!!!!

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सफ़र में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो

किसीके वासते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो

यहाँ किसीको कोई रासता नहीं देता
मुझे गिराके अगर तुम सम्भल सको तो चलो

यही है ज़िंदगी, कुछ ख़ाक चंद उम्मीदें
इन्ही खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो

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कोशिश करने वालों की कभी हार
नहीं होती || लहरों से डरकर नौका कभी
पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं
होती |नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती
है|
चढती दीवारों पर सौ बार फिसलती
है ,मन का विश्वास रगों में साहस भरता ,
चढकर गिरना ,गिरकर चढना न उसे अखरता
,आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती |
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं
होती |डुबकियाँ सिन्धु में गोताखोर
लगता है ,
जा- जाकर खली हाथ लौटकर आता
है ,मिलते न सहजे ही मोती गहरे पानी में ,
बढ़ता दूना उत्सर उसी हैरानी में ,मुठ्ठी
उसकी खाली हर बार नहीं होती |
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं
होती |ये सफलता एक चुनौती है,उसे
स्वीकार करो ,
क्या कमी रह गयी ,देखो और सुधर करो
,जबतक न हो सफल तुम नींद चैन की त्यागो
तुम ,
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम,कुछ
किए बिना जय जयकर नहीं होती |
कोशिश करने वालों की कभी हर नहीं
होती |

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जिंदगी जीने का मकसद खास होना चाहिए
और अपने आप पर विश्वास होना चाहिए
जीवन में खुशियों की कोई कमी नहीं होती
बस जीने का अंदाज़ होना चाहिए।” :):)

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ग़लतफ़हमियों के सिलसिले इस कदर फैले हैं…
कि हर ईंट सोचती है, दीवार हमहीं से है…

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लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं;
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते
क्यों हैं;
मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ;
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं;
नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से;
ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं;
मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए;
और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं।

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जब चलना नहीं आता तो गिरने नहीं देते थे लोग….
जब से संभाला खुद को कदम कदम पर गिराने की सोचते है लोग….

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पाना है जो मुकाम वो अभी बाकि है,

अभी तो आये है जमी पर ,आसमां की उड़न अभी बाकि है…

अभी तो सुना है सिर्फ लोगो ने मेरा नाम,

अभी इस नाम की पहचान बनाना बाकि है

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उम्मीदों के दिए बुझाया नहीं करते

दूर हो मंजिल पर पांव डगमगाया नहीं करते

हो दिल में जिसके जज़्बा मंजिल छूने का

वो मुश्किलों से घबराया नहीं करते….

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संघषोॅ मे यदि कटता है तो कट जाए सारा जीवन,
कदम कदम पर समजौता करना मेरे बस की बात नही..!

Sunday, 13 November 2016

*जीत पक्की है*

✨ *जीत पक्की है* ✨

कुछ करना है, तो डटकर चल।
           *थोड़ा दुनियां से हटकर चल*।
लीक पर तो सभी चल लेते है,
      *कभी इतिहास को पलटकर चल*।
बिना काम के मुकाम कैसा?
          *बिना मेहनत के, दाम कैसा*?
जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल
        *तो राह में, राही आराम कैसा*?
अर्जुन सा, निशाना रख, मन में,
          *ना कोई बहाना रख*।
जो लक्ष्य सामने है, 
बस उसी पे अपना ठिकाना रख।
          *सोच मत, साकार कर*,
अपने कर्मो से प्यार कर।
          *मिलेंगा तेरी मेहनत का फल*,
किसी और का ना इंतज़ार कर।
    *जो चले थे अकेले*
       *उनके पीछे आज मेले हैं*।
    जो करते रहे इंतज़ार उनकी
  जिंदगी में आज भी झमेले है..